योग की शक्ति – Yoga Power – Hindi योग शक्ति: अवेकन योर ओन पावर

योग की शक्ति – Yoga Power – Hindi योग शक्ति: अवेकन योर ओन पावर

Power of Yoga in Hindi – योग शक्ति 

“Yoga – योग”! 5000 वर्ष पुराना ज्ञान एंव गूढ़ विज्ञान जिसे आज पूरी दुनिया ने माना है| यही वो विज्ञान या संस्कृति है जिसके कारण भारत को विश्वगुरु कहा जाता है| महर्षि पतंजलि ने योग को लिखित रूप दिया और योग सूत्र की रचना की जो आज हमारे लिए वरदान से कम नहीं|

भारत से ज्यादा योग विदेशों में फैल चुका है और कोई भी ऐसा देश, ऐसा क्षेत्र नहीं होगा जिसने योग को नहीं अपनाया| यह योग का चमत्कार ही है कि 30 करोड़ की जनसँख्या वाले अमेरिका में ही करीब 2 करोड़ से ज्यादा लोग योग करते है|  

पर बातें बहुत हो रही हैं, बहुत कुछ लिखा जा रहा है लेकिन यह किताब आपको योग की एक वास्तविक दुनिया में लेकर जाती है।

(International Yoga Day)  योग दिवस

दस हजार साल से भी अधिक समय से प्रचलन में है। योग शब्द संस्कृत धातु ‘युज’ से निकला है, जिसका मतलब है व्यक्तिगत चेतना या आत्मा का सार्वभौमिक चेतना या रूह से मिलन। हालांकि, आजकल लोग योग को केवल शारीरिक व्यायाम ही मानते हैं, जहां लोग शरीर को मोड़ते, मरोड़ते, खिंचते हैं और श्वांस लेने के अनेकानेक तरीके अपनाते हैं, लेकिन योग सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है। योग विज्ञान में जीवनशैली का पूर्ण सार आत्मसात है। योग धीरे-धीरे एक अवधारणा के रूप में उभरा है और भगवद् गीता के साथ-साथ, महाभारत के शांतिपर्व में भी योग का विस्तृत उल्लेख मिलता है।

गीता में श्रीकृष्ण ने एक स्थान पर कहा है, ‘योग: कर्मसु कौशलम्’ यानी योग से कर्मों में कुशलता आती है। योग इससे अधिक है और यही बात अपनी किताब ‘योग शक्ति- अवेकन योर ओन पावर’ के जरिए हमें बता रही हैं लेखिका शैलजा मेनन। शैलजा योग शिक्षिका और प्रैक्टिशनर हैं, जिन्होंने इस किताब में योग के कई अहम पहलुओं पर बात की है। उनके अनुसार, योग सिर्फ व्यायाम या अभ्यास नहीं है। यह भी जीने का एक तरीका है। हमारे शरीर का स्वास्थ्य गहराई से इससे जुड़ा हुआ है और हमारे भावनात्मक और मानसिक कल्याण के लिए यह एक सटीक तरीका है। इस किताब के जरिए उन्होंने अपने व्यक्तिगत अनुभव को भी साझा किया है। शैलजा ने ‘मनसा योग’ की उत्पत्ति को बहुत ही बेहतरीन तरीके से समझाया गया है।

योग की शक्ति

YOG योग की शक्ति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 21 जून को सयुंक्त राष्ट्र में योग दिवस (International Yoga Day) मनाने का प्रस्ताव रखा तो रिकॉर्ड 177 देशों ने न केवल समर्थन किया बल्कि वे इसके सह-प्रस्तावक भी बने|

मनुष्य हमेशा खुश रहना चाहता है| हर कोई व्यक्ति कभी न कभी यह सोचता है कि काश उसके पास एक ऐसा जादू चमत्कार या शक्ति हो जिससे वह जान सके कि उसके जीवन का उद्देश्य क्या है और वह कैसे हर समय खुश रह सकता है|

“क्रोध, अवसाद और चिंता जैसी नकारात्मक भावनाएं हमारे जीवन में कितनी शक्तियां खोने का कारण बनती हैं, लेकिन योग के बल पर हम इन शक्तियों को वापस पा और आत्म-प्राप्ति कर सकते हैं। योग के जरिए हम अपने आप को बेहतर, अधिक सामंजस्यपूर्ण संस्करण को पोषित करने के लिए एक कदम आगे ले जाते हैं।”

इस किताब में बताया गया है कि कैसे विभिन्न आसनों के लिए संतुलन, ताकत और खिंचाव की क्षमता की आवश्यकता होती है। इसी प्रकार जीवन में भी, किसी भी समय आने वाली विपत्तियों से निपटने के लिए ताकत मिलनी चाहिए। अपने कार्यों को पूरी तरह से खींचने या पूरी तरह से निभाने की क्षमता का निर्माण, विशेष रूप से खुशी पाना और जीवन की कई बाधाओं के बीच संतुलन खोजने की जरूरत होती है। खुद को पोषित करने और बढ़ने की जरूरत होती है। योग हमें उसी खुशी की और मानसिक सुख की ओर ले जाता है।

योग दिवस (International Yoga Day)

उन्होंने इस किताब में पतंजलि और उनके योग सूत्रों की भी चर्चा की है। पतंजलि को योग के पिता के रूप में माना जाता है और उनके योग सूत्र पूरी तरह योग के ज्ञान के लिए समर्पित रहे हैं। यह पुस्तक एक लेखक की वास्तविक अभिव्यक्ति है, जिसने योग के अभ्यास से अपने जीवन को एक नया रूप दिया है और यह बात उन लोगों के साथ साझा करने की कोशिश की है, जो इसे समझना और अपने जीवन में उतारना चाहते हैं

हम लोग शायद विश्वास नहीं करते लेकिन योग ही वो “विज्ञान”, “शक्ति” या “चमत्कार” है, जो हमारे जीवन को बदल सकता है|

Body, Mind and Soul

शरीर, मन और आत्मा

हमारे शरीर और मन के आलावा भी कुछ और है, जो शरीर और मन को नियंत्रित करता है जिसे हम “अंतरआत्मा” या “चेतना” कहते है|

हम केवल शरीर या मन नहीं हो सकते क्योंकि अगर ऐसा होता तो शायद हममें और कंप्यूटर-रोबोट में कोई फर्क नहीं होता| इस बात को हम धर्म से न जोड़े और खुद चिंतन करें तो हमें यह अनुभव होता है कि कुछ तो है जो हमारे शरीर और मन को नियंत्रित है जो एक “शक्ति” या “चेतना” या “आत्मा” है|

यही वह शक्ति है जो हमें कुछ बुरा करने या किसी को दुःख पहुँचाने से रोकती है और यह हमेशा हर परिस्थिति में सही होती है| लेकिन जब हम अपनी अंतरआत्मा की आवाज को अनसुना कर देते है तो हमारे मन और शरीर का उस “अंतररात्मा” या “शक्ति” से संपर्क कमजोर पड़ने लगता है और हम दुखी रहने लगते है|

योग क्या है : What is Yoga   

“योग” संस्कृत शब्द “युज” से उत्पन हुआ है जिसका अर्थ “जोड़ना” है| योग (Yoga) हमारे शरीर, मन और आत्मा (Mind, Body and Soul) के बीच संयम स्थापित करता जिससे हमारी सुप्त शक्तियां जाग्रत होने लगती है|

जैसे-जैसे हम योग करते जाते है वैसे वैसे हमारे मन, शरीर और आत्मा का संपर्क मजबूत होता जाता है और हमारा जीवन सरल व सकारात्मक होता जाता है|

योग: एक सम्पूर्ण जीवन पद्धति

Yoga: The Art of Living

योग केवल रोगों को दूर करने की प्रक्रिया नहीं है| योग का आशय शरीर के समस्त रोगों को दूर कर, मस्तिष्क को तनाव मुक्त कर, मन को पवित्र बनाकर, आत्मा का ईश्वर से सम्बन्ध स्थापित करना है|

शरीर का मन पर और मन का शरीर पर प्रभाव पड़ता है| इसलिए योग ही एकमात्र ऐसी सम्पूर्ण पद्धति है जो मनुष्य को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से शक्तिशाली बनाती है|

जीवन की समस्याओं में हम उलझे रहते है जिसके कारण धीरे धीरे हमारा स्वंय पर नियन्त्रण नहीं रहता लेकिन योग एक ऐसा साधन जिससे हमारा मन और शरीर पर सम्पूर्ण नियंत्रण होने लगता है| और सबसे बड़ी बात यह है “योग” मनुष्य को आत्म संतुष्टि प्रदान करता है|

अगर जीवन को जीने का सर्वोतम तरीका (Art of Living) कोई है तो वह “योग” है|   

योग के फायदे : Benefits of Yoga

योग (Yoga) का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसका कोई नुकसान नहीं होता| इसके सैकड़ों फायदें है जिसे वैज्ञानिकों और चिकित्सकों ने स्वीकार किया है| योग से हजारों लोगों के असाध्य रोगों को दूर किया जा चुका है | सबसे बड़ी बात यह है कि यह एक प्राकृतिक पद्धति है जो हमें प्रकृति के साथ जोडती है|

यह योग की ही शक्ति है कि भारत के प्रधानमंत्री (Narendra Modi) जिनके पास सबसे बड़ी जिम्मेदारी है वे हर रोज 18 घंटे कार्य करते है और केवल 3-5 ही सोते है| उनके पास सबसे बड़ी समस्याएँ है लेकिन फिर वे हमेशा खुश और सकारात्मक रहते है| 64-65 वर्ष की उम्र में 18 घंटे कार्य करने के बाद भी वे कभी थके हुए नजर नहीं आते| नरेन्द्र मोदी ने अपनी इस क्षमता का राज योग और प्राणायाम की शक्ति को बताया है|

योग की शक्ति के बारे जितना लिखा जाए उतना कम है क्योंकि इसका अनुभव अद्भुत होता है जिसे शब्दों द्वारा नहीं बताया जा सकता|

इसलिए आप आज से ही योग शुरू कर दीजिए क्योंकि कल कभी नहीं आता| विश्वास कीजिए दस दिन के भीतर आप अपनी जिंदगी में बदलाव महसूस करने लगेंगे|