टालना बंद कीजिए, अभी शुरुआत किजिए – Stop Procrastinating, Do It Now

टालना बंद कीजिए, अभी शुरुआत किजिए – Stop Procrastinating, Do It Now

टालना बंद कीजिए, अभी शुरुआत किजिए – Stop Procrastinating, Do It Now


हम सभी ने कबीर दास जी का दोहा सुना है –
काल काल करे सो आज कर, आज करे सो अब|पल में प्रलय होएगी, बहुरि करेगो कब ||

लेकिन फिर भी हम कार्यों को कल पर टालने की आदत बना ही लेते है क्योंकि हम इस आदत से

होने वाले नुकसान को समझ नहीं पाते| यह आदत हमें सफल होने से रोकती है और हमें आलसी बना देती है|

हमारे पास कार्यों को कल पर टालने के हजारों बहाने होते और हम इन बहानों से स्वंय को यह

समझाने की कोशिश करते है कि इस कार्य को आज न करना ही बेहतर है| लेकिन वास्तव में हम

अपने आलस्य को इन बहानों का नाम देकर स्वंय को धोखा दे रहे होते है|

कल पर टाले गए कार्यों में ज्यादातर कार्य तो ऐसे होते है जिसे करने में 5 मिनट का वक्त भी नहीं

लगता लेकिन फिर भी हम उसे टाल देते है क्योंकि यह हमारी आदत बन जाती है|


हम कार्यों को कभी-कभी इसलिए भी टालते है क्योंकि हमें लगता है कि आज इस कार्य को करने

का सही समय नहीं है या फिर हम इन कार्यों को कल और अच्छे से कर पायेंगे लेकिन ज्यादातर

मामलों में यह कार्य को टालने का एक बहाना होता है|


Procrastination is the thief of time. Procrastination makes easy things hard, hard things harder.


कार्यों को टालने की आदत आपके अमूल्य समय को चुराती है| यह आदत सरल कार्यों को

मुश्किल और मुश्किल कार्यों को और अधिक मुश्किल बनाती है|


जब हम किसी कार्य को कल पर टालते है तो दरअसल हम, अपने अवचेतन मन को यह बता रहे

होते है कि हम अपने आलस्य या डर के कारण यह कार्य आज करने में असमर्थ या कार्य करना

मुझे अच्छा नहीं लगता है|

और जितनी बार हम उस कार्य को कल पर टालते जाते उतनी बार हम अपने अवचेतन मन में इस

बात को मजबूत करते जाते है कि “मैं यह कार्य करने में असमर्थ हूँ” और “मेरा आलस्य और डर

मेरे इस कार्य को करने के दृढ संकल्प से मजबूत है”|

एक समय के बाद हमारे अन्दर “आलस्य” या “डर” इतना मजबूत हो जाते है कि हम वो कार्य या

तो कभी कर ही नहीं पाते या फिर छोटे से छोटे कार्य को करने में हमें बहुत अधिक परेशानी का

सामना करना पड़ता है|


कैसे बदलें टालने की आदत
How to stop procrastinating

हम कार्यों को इसलिए टालते है क्योंकि इस वक्त हम कार्य को करने में अच्छा महसूस नहीं कर

रहे या हमें लगता है कि हम कल इस कार्य को कल और अधिक अच्छे ढंग से कर पाएंगे| निम्न

तरीकों को अपनाकर हम कार्यों को टालने से बच सकते है –


7 Tips to Stop Procrastinating

1. कार्य को टालने के बहाने ढूंढना बंद करें और इस बात पर विश्वास करें कि कार्य को करने का सबसे सही समय आज और अभी है|

2. कार्यस्थल के वातावरण को बदलें| अगर हमें वह अभी कार्य करना अच्छा नहीं लग रहा तो हो सकता है कि इसका कारण कार्यस्थल का वातावरण हो| वातावरण में थोडा सा बदलाव लाकर हम अपनी प्रोडक्टिविटी बढ़ा सकते है|

3. कार्य को करने की इच्छाशक्ति बढायें और इस कार्य के पूर्ण हो जाने के बाद प्राप्त होने वाले अच्छे परिणाम के बारे में सोचें| संकल्प करें कि आप यह कार्य अभी और इसी वक्त करेंगें

4. कार्य शुरू करने से पहले खुद को रिचार्ज करें| 10-30 मिनटों में कुछ ऐसा करें जिससे आप अच्छा महसूस करते हों जैसे मैडिटेशन, योग, म्यूजिक सुनना, गार्डन में घूमना, मोटिवेशनल वीडियो देखना या 20 मिनट की नींद एक झपकी लेना आदि| इससे आपकी मनोदशा बदलेगी और आप उस कार्य को करने के लिए खुद को तैयार कर पाएंगे|

5. एक पेपर पर कार्यो की लिस्ट बनायें और अपने प्लान को पेपर पर लिख दें| कार्य को करने की प्लानिंग में बहुत अधिक समय न गवाएं| और अपने प्लान को बार बार बदलिए मत, बस कार्य को कर डालें| बहुत अधिक प्लानिंग करना एक बीमारी है जो हमें कार्य को शुरू करने से रोकती है|

6. उस कार्य के प्रति एकाग्र हो जाएँ और एकाग्रता भंग करने वाली रूकावटों जैसे सोशल मीडिया, ईमेल आदि को तब तक बंद कर दे जब तक कार्य पूरा न हो जाए| ये छोटी छोटी रूकावटें आपका समय बर्बाद करती है और जैसे जैसे हमारा पास समय कम होता जाता है वैसे वैसे हम कार्य को टालने के बारे में सोचना शुरू कर देते है|

7. कार्य को छोटे छोटे हिस्सों में बाटें और पूरा करें| एक समय में केवल उस कार्य के छोटे से हिस्से के बारे में सोचे और एकाग्र होकर उस छोटे से हिस्से को पूरा करें| इससे हमें कार्य आसान लगने लगता है और जब हम एक हिस्से को पूरा करते है तो हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है जिससे उस कार्य पूरा करने की हमारी इच्छाशक्ति को बल मिलता है|

र्य को छोटे छोटे हिस्सों में बाटें और पूरा करें| एक समय में केवल उस कार्य के छोटे से हिस्से के बारे में सोचे और एकाग्र होकर उस छोटे से हिस्से को पूरा करें| इससे हमें कार्य आसान लगने लगता है और जब हम एक हिस्से को पूरा करते है तो हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है जिससे उस कार्य पूरा करने की हमारी इच्छाशक्ति को बल मिलता है|