9 बातें जो हम भगवद गीता से सीख सकते हैं – Life Lessons From Bhagavad Gita (Hindi)

9 बातें जो हम भगवद गीता से सीख सकते हैं – Life Lessons From Bhagavad Gita (Hindi)

9 बातें जो हम भगवद गीता से सीख सकते हैं –

श्रीमद् भगवद्गीता हिन्दुओं का एक बहुत ही पवित्र ग्रन्थ है| महाभारत का वह भाग, जब भगवान श्री कृष्ण ने अपने उलझे हुए मित्र अर्जुन को महाभारत के युद्ध में सलाह दी थी|
उस समय भगवान श्री कृष्णा ने जीवन के रहस्य अपने कथनों के माध्यम से अर्जुन को समझाए थे, वे कथन आज भी हर व्यक्ति के जीवन में उतने ही महत्वपूर्ण और सही दिशा दिखाने वाले है, जितने की महाभारत के समय अर्जुन के लिए थे !

Life Lessons From Bhagavad Gita (Hindi)

अगर आप कभी भी अपनी ज़िन्दगी के किसी भी मोड़ में दोराहे पे हो, तब आपकी हर एक परेशानी का जवाब भगवत गीता में मिल सकता है| महात्मा गाँधी एवं उनके जैसे विश्व के कई महापुरुषों के लिए भगवद्गीता उनका जीवन दर्शन रही है|


जो हुआ, अच्छे के लिए ही हुआ| जो हो रहा है, वह भी अच्छे के लिए ही हो रहा है, जो होगा वो भी अच्छे के लिए ही होगा


आप जिस भी वजह से निराश है, उसे भूल जाये| वर्तमान में अगर कुछ आपको बहुत ही दुःख दे रहा है, उसके पीछे निश्चित ही बहुत अच्छा कारण छुपा हुआ है| ये एक चक्र है, जो आपको स्वीकारना ही होगा| इसलिए न भविष्य और न ही पिछले बीते हुए समय के बारे सोचिये| आपके पास वर्तमान है, उसे खुश होकर आनंद के साथ जिए|
एक पल में ही आप राजा बन सकते है या फ़कीर| पृथ्वी भी स्थिर नहीं है यह भी घूमती रहती है – दिन खत्म होने के बाद रात आती है, बहुत गर्मी के बाद एक सुखद मानसून आता है| ये बाते इस कथन की पुष्टि करती है कि परिवर्तनशीलता संसार का नियम है इसलिए उन बातों और वस्तुओं के लिए दुखी होने की आवश्यकता नहीं है, जो निश्चित नहीं है| परिवर्तन स्वीकार करना, आपको हर कठिन परिस्थिति में खुश रहने की शक्ति देता है|


ध्यान (Meditation) से मन एक दीपक की लौ की तरह अटूट हो जाता है


हमारी समस्या यह है कि हम खुद को ही नहीं जानते| हम में से ज्यादातर लोगों ने खुद से कभी मिलने की कोशिश ही नहीं की| मैडिटेशन हमें खुद से मिलाता है और जब हम खुद को जान जाते है, तो हमें पता चलता है कि जिंदगी जादुई है| मैडिटेशन किसी भी व्यक्ति की जिंदगी बदल सकता है|

आज हम में से ज्यादातर लोगों की जिंदगी Tample Run गेम की तरह हो गयी है, जिसमें एक लड़का भागता रहता और पैसे इकट्टा करता रहता है| लेकिन उस लड़के यह नहीं पता होता कि वह कहाँ जा रहा, क्यों जा रहा है और उसे कहाँ जाना हैं| वह अधिक से अधिक पैसे इकट्टे करने की कोशिश करता है ताकि और अधिक तेजी से भाग सके|
मनुष्य विश्वास से बनता है, आप जैसा विश्वास रखते है वैसे बन जाते हैं
जो आप सोचते हो और जिन बातों पर आप विश्वास रखते है – आपके साथ वैसा ही होता है और आप वैसे ही बन जाते है| अगर विश्वास करते हो कि आप एक खुशमिजाज व्यक्ति हो, तो आप खुश रहेंगे और अगर नकारात्मक विचार लाएंगे, तो आप दुखी हो जाओगे ! अगर आप विश्वास करोगो कि आज का दिन अच्छा है, तो आपका दिन अच्छा हो जाएगा|

कर्म करो, फल की चिंता नहीं


भगवद गीता की यह पंक्ति हम सभी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है| हम हमेशा पैसा, अच्छा घर, अच्छी गाड़ी और सुरक्षित भविष्य की इच्छा लिए ही काम करते है| लेकिन ज्यादातर लोग जिंदगी को एक रेस समझकर इसलिए दौड़ रहे है कि उन्हें जल्द से जल्द मंजिल मिल जाए| और जब मंजिल मिलती है, तब भी उन्हें ख़ुशी नहीं मिलती और वे अगली मंजिल के लिए भागना शुरू कर देते है| वे कभी समझ ही नहीं पाते की
“जिंदगी एक यात्रा है, न कि मंजिल और जिंदगी में ख़ुशी आपको अच्छी यात्रा करने से मिलेगी न कि अच्छी मंजिल प्राप्त करने से”|

संदेह (Doubt)

संदेह (Doubt) के साथ कभी भी ख़ुशी नहीं मिल सकती – न इस लोक में न परलोक में
संशय (Doubt) के साथ हमारे दिमाग पर एक अस्पष्ट विचारो का पर्दा आ जाता है| संदेह हमे डरपोक और अस्थिर बना देता है| संदेह के कारण व्यक्ति, कभी भी साहस भरे निर्णय नहीं ले पाता और वह कड़ी मेहनत करने के बावजूद, हारे हुए व्यक्ति की तरह जिंदगी जीता हैं|
मनुष्य अपने विचारो से ऊंचाईयां भी छू सकता है और खुद को गिरा भी सकता है – क्योंकि हर व्यक्ति खुद का मित्र भी होता है और शत्रु भी

संशय (Doubt)


आप खुद के सबसे अच्छे मित्र है, आपकी हर परेशानी का हल आप ही के पास है किसी और किसी के पास नहीं| अगर आप अपनी परेशानी के लिए दस मित्रो से सलाह लेने जायेंगे तो आपको मदद नहीं मिल पायेगी, क्योंकि उनके पास दस अलग-अलग सुझाव होंगे| आपको खुद से जुड़ना होगा और स्वंय पर विश्वास रखना होगा|
आत्मा न जन्म लेती है और न मरती है
डर के साथ हम कुछ नहीं पा सकते| भय और चिंता दो शत्रु है जो हमारे सुख – शांति की बाधा है, इसलिए हमे पूर्ण रूप से अपने मन से इन्हें निकालने का प्रयास करना चाहिए|