कुछ बातें हैं जो माता-पिता भावातिरेक में आकर कर देते हैं जिससे कि बच्चों पर या उनके विद्यार्थी जीवन पर खराब असर पड़ता है ।
पिता हमारी जिंदगी का वह महान शख्स है, जो हमारे सपनों को पूरा करने के लिए अपने सपनों को कुर्बान कर देता है।
पिता पर कवियों द्वारा लिखे उद्गार-
१
स्वीकारो यह नमन हमारा जीवन के दाता
परम पूज्य है आप हमारे आप ही भाग्य विधाता।
प्रेम सिंधु जो छिपा आप में हमें देख हरसाता
आँसू बन नयनों से हम पर सदा प्रेम बरसाता।
आशीर्वचन आपका नित ही पथ प्रशस्त है करता
जीवन के इस नंदनवन में ढेरों खुशियाँ भरता।
तारा आपकी आँखों का बनना क्यों मुझको भाता
यही एक संबंध हमारा दृढ़ करता जो नाता।
२
चट्टानों सी हिम्मत और जज्बातों का तुफान लिए चलता है,
पूरा करने की जिद से ‘पिता’ दिल में बच्चों के अरमान लिए चलता है।
बिना उसके न इक पल भी गंवारा है, पिता ही साथी है,पिता ही सहारा है।
न मजबूरियाँ रोक सकीं न मुसीबतें ही रोक सकीं, आ गया ‘पिता’जो बच्चों ने याद किया, उसे तो मीलों की दूरी भी न रोक सकी।
न रात दिखाई देती है न दिन दिखाई देते हैं,
‘पिता’ को तो बस परिवार के हालात दिखाई देते हैं।
परिवार के चेहरे पे ये जो मुस्कान हंसती है,
‘पिता’ ही है जिसमें सबकी जान बस्ती है।
३
हर दुःख हर दर्द को वो हंस कर झेल जाता है,
बच्चों पर मुसीबत आती है तो पितामौत से भी खेल जाता है।
कमर झुक जाती है बुढापे में उसकी सारी जवानी जिम्मेवारियों का बोझ ढोकर
खुशियों की ईमारत ड़ी कर देता है ‘पिता’ अपने लिए बुने हुए सपनों को खो कर।
बेमतलब सी इस दुनिया में वो ही हमारी शान है,
किसी शख्स के वजूद की ‘पिता’ही पहली पहचान है।
बिता देता है एक उम्र औलाद की हर आरजू पूरी करने में
उसी ‘पिता’ के कई सपने बुढापे में लावारिस हो जाते हैं।
४
सख्त सी आवाज में कहीं प्यार छिपा सा रहता है
उसकी रगों में हिम्मत का एक दरिया सा बहता है।
कितनी भी परेशानियां और मुसीबतें पड़ती हों उस पर
हंसा कर झेल जाता है ‘पिता’ किसी से कुछ न कहता है।
तोतली जुबान से निकला पहला शब्द उसे सारे जहाँ की खुशियाँ दे जाता है
बच्चों में ही उसे नजर आती है जिंदगी अपनी उनके लिए तो पिता अपनी जिंदगी दे जाता है।
उसके हाथ की लकीरें बिगड़ गयी अपने बच्चों की किस्मतें बनाते-बनाते
उसी पिता की आंखों में आज कई आकाशों के तारे चमक रहे थे।
५
पिता एक उम्मीद है, एक आस है परिवार की हिम्मत और उसका विश्वास है।
बाहर से बहुत सख्त अंदर से नर्म है पिता दिल में दफन कई गम हैं।
पिता संघर्ष की आंधियों में हौसलों की दीवार है।
परेशानियों से लड़ने को दो धारी तलवार है।
बचपन में खुश करने वाला खिलौना है नींद लगे तो पेट पर सुलाने वाला बिछौना है।
पिता जिम्मेवारियों से लदी गाड़ी का सारथी है। सबको बराबर का हक़ दिलाता यही एक महारथी है।
सपनों को पूरा करने में लगने वाली जान है इसी से तो माँ और बच्चों की पहचान है।
पिता ज़मीर है पिता जागीर है जिसके पास ये है वह सबसे अमीर है।
पिता एक ऐसी हस्ती है जो अपने सभी दुखों को छिपाकर अपने बच्चों की हर ख्वाहिश पूरी करते है।पिता बिना किसी लोभ के अपने बच्चों के लिए पूरी जिंदगी मेहनत करते है ताकि उनका बच्चा पढ़ लिख कर बड़ा आदमी बने और उनका नाम गर्व से ऊँचा करें।पिता का दिल हमेशा ही प्यार से भरा हुआ रहता है।
पिता हमें छोटे से बड़ा करते है, पढ़ाते है, लिखाते है, एक कामयाब इन्सान बनाते है। पिता की जेब हमेशा हमारे लिए भरी रहती हैं। बस एक कॉल की जरूरत है और तुरंत पैसे अकाउंट में आ जाते है।
पिता हमें धरती के समान धीरज और आसमान की ऊंचाइयों में ऊपर उड़ने की सीख देते है । माता-पिता के रूप में भगवान ने हमें एक उपहार दिया हैं। जिनकी हमें हमेशा सेवा करनी चाहिए।
बच्चों के भविष्य की चिंता करें,
उन्हें पिता कहा जाता है ।
अपने शरीर की तकलीफों को ना बताएं,
उन्हें पिता कहा जाता है।
घर मां चलाती है ,लेकिन जो घर बनाए ,
उन्हें पिता कहा जाता है ।
समाज एवं रिश्ते में सामंजस्य स्थापित करें ,
उन्हें पिता कहा जाता है ।
कंधे पर मेला दिखाएं ,
उन्हें पिता कहा जाता है ।
जो जीवन के सिद्धांतों को बताएं ,
उन्हें पिता कहा जाता है।
जो दुनिया से जाने के बाद हमेशा याद आते हैं ,
उन्हें पिता कहा जाता है।
पिता क्या है ?? क्या है इसकी परिभाषा ??
आज में एक अहम् सवाल इस क Quora पे करने जा रहा हु शायद ये आपको हिला के रख देगा ।
एक बाप बेटे का रिस्ता भी हाजीब है माँ तो बोल भी देती है I LOVE YOU लेकिन बाप कभी नहीं बोलता है और माँ के लिए बहुत लिखा पढ़ा गया है लेकिन बाप के लिए बहुत काम लिखा या बोला गया है और आज एक कोशिश पिता के महत्व को समझने की …
पिता रोटी है कपडा है मकान है
पिता नाहने से परिंदे का बड़ा सा आसमान है ।
पिता रोटी है कपडा है मकान है
पिता नाहने से परिंदे का बड़ा सा आसमान है ।
पिता है तो घर में प्रतिपल राग है
पिता से माँ की चूड़ी बिंदी और सुहाग है
पिता है तो बच्चो के सारे सपने है
पिता है तो बाजार के सारे खिलोने अपने है
पिता अपने परिवार की एक उम्मीद है आस है
परिवार की हिम्मत और विश्वास है
पिता जमीर है जागीर है
जिसके पा ये सब है वो सबसे आमिर है
कहने को ऊपर वाला सब कुछ देता है लेकिन
पर खुदा का एक रूप पिता का शरीर है
पिता एक साए की तरह नहीं छत की तरह होता है, जिसके नीचे उसका पुत्र सुरक्षित रहता है पिता के रहते अगर पुत्र को चिंता करने की जरूरत पड़ती है तो पिता किस काम का ।
ये एक ऐसा प्रश्न है जिसका जवाब शायद है मेरे पास पर मैं समझा नही पाऊँगा क्यों कि मेरे तरकश में शब्दों के इतने तीर नही है।
पिता वो वृक्ष है जो हर तरह के कष्टों को सहते हुये अपने टुकड़ो को संभालता है , बचाता है।
मैं अपने पिताजी के बेहद करीब हूँ। उनके लिए मैंने बहुत कष्ट भी सहे हैं। पहले इतना ज्यादा करीब नही था पर जब 4 साल पहले उनको हार्ट अटैक का दौर आया तब से आजतक मैं उनके साथ खड़ा हुँ और रहूंगा। हर तरह की परेशानियों से निबटने में जिस तरह से उन्होंने मेरी मदद की , जो संस्कार उन्होंने मुझे दिए वो अनमोल है अद्भुत है।
मेरे पिता मेरे लिए आदर्श है। क्योंकि वे एक आदर्श पिता हैं। उनमें वे सारी योग्यताएं मौजूद हैं जो एक श्रेष्ठ पिता में होती हैं। वे मेरे लिए केवल एक पिता ही नहीं बल्कि मेरे सबसे अच्छे दोस्त भी हैं, जो समय-समय पर मुझे अच्छी और बुरी बातों का आभास कराकर आगाह करते हैं। पिताजी मुझे हार न मानने और हमेशा आगे बढ़ने की सीख देते हुए मेरा हौसला बढ़ाते हैं। पिता से अच्छा मार्गदर्शक कोई हो ही नहीं सकता। हर बच्चा अपने पिता से ही सारे गुण सीखता है जो उसे जीवन भर परिस्थितियों के अनुसार ढलने के काम आते हैं। उनके पास सदैव हमें देने के लिए ज्ञान का अमूल्य भंडार होता है, जो कभी खत्म नहीं होता।
पिताजी कभी अपनी कोई तकलीफ नहीं बताते बल्कि वे घर के लोगों की हर जरूरत और तकलीफ का पूरा ध्यान रखते हैं। इन्हीं सब विशेषताओं के कारण पिता की महानता और अधिक बढ़ जाती है और उनकी तुलना दुनिया में किसी से भी नहीं की जा सकती।
पिता प्रत्येक बच्चे के लिए धरती पर ईश्वर का साक्षात रूप होते हैं। वे अपनी संतान को सुख देने के लिए अपने सुखों को भी भुला देते हैं। वे रात दिन अपने बच्चों के लिए ही मेहनत करते हैं और उन्हें वे हर सुविधा देना चाहते है जो उन्हें भी कभी नहीं मिली। कई बार छोटी सी तनख्वाह में भी बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए पिता कर्ज में भी डूब जाते हैं लेकिन बच्चों के सामने कभी कोई परेशानी जाहिर नहीं करते … शायद इसीलिए पिता, दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण होते हैं।
- उनके गलत कार्यों को छुपाना , इससे बच्चे को बढ़ावा मिलता है । परिणामस्वरूप गलत कार्यों में उसकी संलिप्तता बढ़ती ही चली जाती है ।
- अपने फायदे के लिए बच्चे से झूठ बुलवाना । जैसे – किसी ने पूछा बेटे ! पापा घर हैं ? बेटा – नहीं चाचा पापा घर पर नहीं है। जबकि वो घर पर ही होते हैं ।
- उनके गृहकार्य में आप मदद कीजिए , उनका गृहकार्य आप कदापि मत कीजिए । इससे आपके उपर बच्चे की निर्भरता बढ़ने लगेगी जो कि हानिकारक है ।
- कम उम्र में ही स्मार्ट फोन से अवगत करवा देना ।
- बाहर खेलने से मना करना , बचपन में ज्यादा से ज्यादा बाहरी खेल में शामिल होने का बच्चों का मौका दें। हड्डियां मजबूत रहेंगी ।
- जंक फ़ूड और मैगी का आदत लगा देना । जल्दी-जल्दी निपटने के चक्कर में बच्चे को टिफिन में यही सब भर के दे देते हैं ।
- किसी से तुलना करके बच्चे को शर्मिंदा महसूस ना करायें । उसका मनोबल नीचे गिरता है ।
- बच्चे की क्षमता और दक्षता जाने बिना उसे सिर्फ किताबी कीड़ा बनाते रखना और किसी भी विद्यालय में भेज देना ।
- बच्चे से गुस्सैल स्वभाव में या डांट-फटकार कर बात करना । बच्चे की मानसिक स्थिति पर काफी असर पड़ता है।
- माता-पिता का बच्चे के सामने ही लड़ना झगड़ना , बच्चे को गुस्सैल स्वभाव का बना सकता है ।